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सोलर ऑफ-ग्रिड तथा पुनर्वित्त योजना |
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योजना: |
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यह नई एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा बनाई गई योजना देश में सौर-उर्जा पद्धतियों तथा उपकरणों के वाणिज्यिक विपणन के संवर्धन हेतु है।
यह योजना पूंजीगत सब्सिडी के अंतर्गत सौर उर्जा के ऑफ ग्रिड एप्लीकेशन (फोटोवोलटेक तथा थर्मल दोनों) – हेतु सुलभ ऋण योजना के रुप में कार्यान्वित की जा रही है। |
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ऋण हेतु पात्र मॉडल: |
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- एम एन आर ई ने आई आर ई डी ए तथा नाबार्ड के परामर्श से 11 मॉडल परियोजनाओं को अॅंतिम रुप दिया है। परियोजनाऐं जो एम एन आर ई द्वारा विनिर्दिष्ट नहीं है, जो वित्त-पोषण हेतु पात्र हैं, एम एन आर ई के पी ए सी से उनका पूर्वानुमोदन आवश्यक है।
- नियम एवं शर्तों की पूर्ति पर, बी आई एस अनुमोदित निर्माताओं द्वारा स्थापित/निर्मित फ्लैट प्लेट तथा इवेक्यूएटेड टयूब क्लेकटर आधारित सोलर वाटर-हीटिंग सिस्टम पर लागू।
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कार्यान्वयन अवधि: |
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योजना 31.03.2013 तक लागू रहेगी तथा योजना के जारी रहने के बारे में समय समय पर सूचित किया जाएगा।
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ऋण राशि: |
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बैंक ऋण 50%, सब्सिडी 30% तथा मार्जिन 20%. है। |
पात्रता: |
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- केंद्रीय/राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारी।
- वेतनभोगी कर्मचारी जिनकी स्थायी सेवा 5 वर्ष है तथा प्रस्तावित ऋण वित्त के पश्चात मासिक निवल वेतन रु 2000/-से कम न हो।.
- बैंकरों के संतोषजनक पी एण्ड सी के आधार पर तथा सनदी लेखाकार प्रमाण-पत्र अथवा आय-कर विवरणी द्वारा प्रमाणित अनुसार रु 60000/- की वार्षिक निवल आय वाले स्व-नियोजित तथा व्यावसायिक व्यक्ति।
- उक्त के अतिरिक्त, कोई व्यक्ति, संस्था, होस्टलों सहित गैर-वाणिज्यिक संगठन अथवा वाणिज्यिक संगठन, होस्टल, कंपनी टाउनशिप, होस्टल तथा कॉलेज आदि, भी वित्त-पोषण हेतु पात्र है।
नोट: अंतिम प्रयोगकर्ता (व्यक्ति के आलावा) को यह घोषणा देनी है कि आयकर नियमों के अंतर्गत किसी मूल्य-ह्रास भत्ते हेतु दावा नहीं दिया जाएगा। |
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ब्याज की दर तथा बैंक-ऋण की निश्चित अवरुद्धता अवधि:
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- अवशिष्ट परियोजना लागत पर ब्याज की दर 5% प्रति वर्ष है (परियोजना लागत में से पूंजीगत सब्सिडी तथा उधारकर्ता मार्जिन घटाऐं)
- ऋण चुकौती अवधि की ऋण की प्रथम किस्त के संवितरण की तिथि से 3 वर्ष की निश्चित अवरुद्धता अवधि होगी।
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पूंजीगत सब्सिडी जारी करना: |
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सिस्टम की संतोषजनक स्थापना तथा प्रारंभ होने पर ही वित्त-पोषण बैंक द्वारा उधारकर्ता की ओर से आपूर्तिकर्ता को पूंजीगत सब्सिडी जारी की जाएगी। |
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चुकौती: |
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5 वर्ष की अधिकतम अवधि
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संसाधन तथा अन्य सेवा प्रभार: |
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उपभोक्ता टिकाऊ ऋण पर लागू अनुसार। |
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दंडात्मक ब्याज की दर: |
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चूक की किस्त/राशि हेतु चूक के ऋण के लिए विनिर्दिष्ट ब्याज दर पर 2% अधिक। |
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प्रतिभूतियों का मापदंड: |
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- बैंक-वित्त से बनाई गई आस्तियों का दृष्टि-बंधंन।
- ऋण-राशि हेतु उपयुक्त गारंटर/सह-बाध्यता।
- रु 50,000/- की ऋण सीमा, तक कोई संपार्श्विक प्रतिभूति नहीं।
- यदि ऋण-सीमा रु 50, 000/- से अधिक हो, तो संपार्श्विक के रूप में पर्याप्त अनुमोदित प्रतिभूतियाँ ली जाएँ।
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बीमा: |
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यूनिट का सभी संभव जोखिमों तथा संपूर्ण मूल्य हेतु बीमा किया जाना चाहिए।
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