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विदेश में शिक्षा
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योजना की परिधि |
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योजना योग्य/मेरिट वाले छात्रों पर लागू है जो विदेश में शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं ।
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पात्रता |
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भारतीय नागरिक होना चाहिए ।
17 वर्ष से अधिक हो परन्तु। 35 वर्ष के अन्दर हो ।
किसी भी निम्न विषय में ओवरसीज़ कॉलेज/यूनिवर्सिटी में प्रवेश पा चुका हो ।
सम्बन्धित यूनिवर्सिटी से प्रवेश का पुष्टिकृत पत्र अवश्य हो ।
वैद्य पासपोर्ट तथा वीज़ा अवश्य् हो । |
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वित्त हेतु पात्र पाठयक्रम |
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स्नातक – नौकरी उन्मुख व्यवसाय हेतु/विख्यात यूनिवर्सिटी के तकनीकी पाठयक्रम
स्नातकोत्तर – एम सी ए, एम बी ए, एम एस आदि
सी आई एम ए, लन्दन तथा सी पी ए, अमरीका आदि द्वारा आयोजित पाठयक्रम
आर्टस, साईंस, कॉमर्स तथा व्यवसाय प्रशासन में स्ना।तक/स्नातकोत्तर
फारमेसी में स्नातक/स्नातकोत्तर
किसी व्यावसायिक/तकनीकी पाठयक्रम में स्नातक/स्नातकोत्तर
पी एच डी (डॉक्टार ऑफ फिलासफी) |
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वित्त की प्रमात्रा |
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यूनिवर्सिटी/कॉलेज के प्रवेश/पुष्टि पत्र में सूचित अनुसार आवश्यकता के आधार पर, अधिकतम 20 लाख रू
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मार्जिन |
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4,00,000/- रू तक : शून्य् ; 4,00,000/- रू से अधिक : 15%
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संवितरण का माध्यम |
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प्रारम्भ में कॉलेज के प्रवेश पत्र के अनुसार होस्टल व्यव तथा सेमेस्टर फीस के भुगतान के प्रति विदेशी मुद्रा तथा हवाई यात्रा की लागत के बराबर राशि । बाकी राशि सेमेस्टर फीस, होस्टल फीस आदि वार्षिक आधार पर अनुपात में जारी की जाएगी ।
योजना के अन्तर्गत किसी भी समय छात्र के नाम में दो से अधिक ऋण बकाया नहीं होने चाहिए ।
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देशी तथा विदेशी शिक्षा हेतु अन्यभ सामान्य पहलु |
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उद़देश्य |
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योजना के अन्तर्गत ऋण पर निम्न हेतु विचार करना चाहिए :
टयूशन फीस
अध्ययन टूर, प्रोजेक्ट वर्क
किताबों का मूल्य, स्टेशनरी
पाठयक्रम हेतु आवश्यक उपकरण
संस्था के बिल/रसीदों द्वारा समर्थित सावधानी-जमा/बिल्डिंग फंड/वापसी-योग्य जमा, बशर्ते कि राशि सम्पूर्ण पाठयक्रम की कुल टयूशन फीस के 10 प्रतिशत से अधिक न हो ।
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होस्टल फीस |
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विदेश में शिक्षा के मामले में, विदेश की हवाई यात्रा का मूल्य तथा स्वास्थ्य बीमा सहित रख-रखाव विदेश में कॉलेज से पत्राचार तथा विदेशी मुद्रा परमिट के अनुसार ।
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ब्याज प्रभारित करने का तरीका |
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चुकौती –अवकाश/तैयारी अवधि के दौरान ब्याज साधारण आधार पर मासिक नामे करना है ।
चुकौती की अवकाश अवधि के दौरान उपचित ब्याज मूल में जोड़ना है तथा समान मासिक किस्तों में चुकौती निर्धारित करनी है ।
दंडात्मक ब्याज : 2 लाख रू से अधिक के ऋण हेतु अतिदेय अवधि हेतु अतिदेय राशि पर 2 प्रतिशत दंडात्मक ब्याज लगाना है ।
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सह-बाध्यता |
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माता पिता की सह-बाध्यता . भारतीय नागरिक अवश्य हों ।
जहां माता पिता नहीं हैं, बैंक कुल आय को ध्यान में रखकर दादा-दादी की सह-बाध्यता पर विचार कर सकता है ।
न्यायालय द्वारा नियुक्त अभिभावक के मामले में, उनकी सह-बाध्यता ली जाएगी ।
विवाहित व्यक्तियों के मामले में, पति/पत्नी अथवा माता पिता/सास ससुर सह-बाध्यता दे सकते हैं ।
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संपार्श्विक प्रतिभूति |
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4.00 लाख रू तक – शून्य
4.00 लाख रू से 7.5 लाख रू तक – माता पिता/अभिभावक/अन्य पार्टी की सह-बाध्यता
7.50 लाख रू से अधिक – माता पिता की सह-बाध्यता के अलावा उपयुक्त मूल्य की मूर्त प्रतिभूति । माता पिता की सह-बाध्यता तथा भविष्य की आय का आकलन |
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अवकाश अवधि |
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पाठयक्रम की अवधि के 1 वर्ष के पश्चात अथवा नौकरी लगने के 6 माह के पश्चात, जो भी पूर्व हो ।
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चुकौती |
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चुकौती प्रारम्भ होने के 5-7 वर्ष में ऋण की चुकौती होनी है ।
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अन्य |
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विदेश में शिक्षा हेतु केवल एक ऋण ही मंजूर किया जाएगा । अधिकतम राशि 20.00 लाख रू .
एक ही परिवार में बहु-ऋण
यदि किसी परिवार से छात्र उधारकर्ता हेतु एक से अधिक ऋण हेतु आवेदन प्राप्त होता है तो ऋण पर विचार हेतु परिवार को एक यूनिट माना जाएगा तथा मार्जिन, छात्र/माता पिता की चुकौती क्षमता को देखते हुए परिवार को स्वीकृत वित्त की कुल प्रमात्रा को ध्यान में रखकर सुरक्षा मानदंड तथा शर्तें लागू होंगी । |
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