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शैक्षिक ऋण |
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भारत और विदेश में उच्च शिक्षा हेतु शिक्षा ऋण |
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विद्यार्थी पात्रता |
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- विद्यार्थी भारतीय नागरिक हो।
- अनिवासी - विद्यार्थी के पास भारतीय पारपत्र हो। (ऐसे सभी प्रस्तावों के लिए भारत में उचित प्रवर्तनीय संपार्श्विक प्रतिभूति दी जानी चाहिए।)
- एचएससी (बारहवीं या समतुल्य) उच्चतर अर्हता प्राप्त करने के बाद प्रवेश परीक्षा/ मैरिट आधारित चयन प्रक्रिया द्वारा भारत या विदेश में मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त किया हो।आम प्रवेश परीक्षा द्वारा प्रवेश न होने और अर्हक परीक्षा में प्राप्त अंक ही एक मात्र मानक होने के मामले में, अर्हक शैक्षणिक परीक्षा में न्यूनतम कट-ऑफ अंक 65% होंगे।
- प्रवेश परीक्षा में अर्हता प्राप्त करने पर भी निकटता, पाठ्यक्रम विषय विशेष का चयन या अपने शैक्षणिक / कैरीर से संबंधित अन्य कारणों से प्रबंधन कोटा का विकल्प लेने वाले मैरिट विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण प्रदान किए जाते हैं।
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संस्था की पात्रता : |
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योग्य पाठ्यक्रम |
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- भारत में शिक्षा: (संकेतात्मक सूची)
- मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम जिनसे यूजीसी/सरकार/एआईसीटीई / एआईबीएमएस/ आईसीएमआर आदि द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेज / विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित स्नातक/ स्नातकोत्तर डिग्री और स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त होंगे। आईसीडब्ल्यूए, सीए, सीएफए आदि जैसे पाठ्यक्रम।
- आईआईएम, आईआईटी, आईआईएससी, एक्सएलआरआई, एनआईएफटी, एनआईडी आदि द्वारा आयोजित पाठ्यक्रम।
- नियमित डिग्री/ डिप्लोमा पाठ्यक्रम यथा एरोनॉटिकल, पाइलट प्रशिक्षण, पत्तन आदि जो महानिदेशक, नागरिक उड्डयन/ पत्तन द्वारा अनुमोदित हैं, यदि पाठ्यक्रम भारत में हो। ऋण के संबंध में विचार करने हेतु, एयर-क्राफ्ट अनुरक्षण इंजीनियरी, समुद्र पूर्व प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, सक्षम विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त डिग्री पाठ्यक्रम या संबंधित राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त डिप्लोमा पाठ्यक्रम हों।
- प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में उपलब्ध मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम।
- मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा दिए जा रहे नर्सिंग पाठ्यक्रम और अन्य पैरा-मेडिकल पाठ्यक्रम प्रबंधन कोटा सहित। वित्त हेतु गणना में लिया गया शुल्क राज्य सरकार या विनियामक निकाय द्वारा अनुमोदित शुल्क संरचना के अनुसार ही होगा।
- प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा दिए गए कोई अन्य पाठ्यक्रम, जिनमें विद्यार्थियों की नियोजन संभाव्यता आश्वस्त हैं और राज्य /केंद्र सरकार द्वारा विधिवत् गठित भारत सरकार/ राज्य सरकार/ शैक्षणिक निकाय द्वारा उचित मान्यता प्राप्त ऐसी संस्थाओं द्वारा डिग्री/ डिप्लोमा/ प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं।
- वैबसाईट www.ugc.ac.in, www.education.nic.in, www.aicte.org.in में उपलब्ध पाठ्यक्रमों की सूची को पात्र पाठ्यक्रम माना जाए।
- ऑफ कैंपस पाठ्यक्रम और ऑन साईट/ साझेदारी कार्यक्रम शैक्षिक ऋण हेतु पात्र नहीं हैं।
- उचित मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ अनुसंधान संस्थाओं में अनुसंधान छात्र के रूप में प्रवेश प्राप्त स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों के अनुसंधान कार्य के लिए शिक्षा ऋण।
- गृह अध्ययन या संपर्क कक्षाएं या कोचिंग कक्षाओं के साथ पत्राचार पाठ्यक्रम हेतु शिक्षा त्रण पर विचार नहीं किया जाएगा।
- विदेश में शिक्षा :-
- स्नातक: प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द्वारा दिए गए नियोजन उन्मुख व्यावसायिक / तकनीकी पाठ्यक्रम हेतु ।
- स्नातकोत्तर : एमसीए, एमबीए, एमएस आदि
- सीआईएमए- लंदन, यूएसए में सीपीए आदि द्वारा आयोजित पाठ्यक्रम। एरोनॉटिकल, पाइलट प्रशिक्षण, पत्तन आदि जैसे डिग्री/ डिप्लोमा पाठ्यक्रम बशर्ते कि इन्हें भारत/ विदेश में नियोजन के प्रयोजन हेतु भारत / विदेश में सक्षम विनियामक निकायों द्वारा मान्यता प्राप्त हो।
- भारत में स्नातक पूरा करने के बाद विदेश में नियोजन उन्मुख डिप्लोमा और प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम का अध्ययन कर सकते हैं।
- वित्तपोषण हेतु अनुमोदित अन्य पाठ्यक्रमों का संदर्भ www.webometrics.info में सूचित अनुसार है।
- डिप्लोमा पाठ्यक्रम और प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रमों को इस योजना हेतु पात्र पाठ्यक्रमों के रूप में शामिल नहीं किया गया है। स्नातकोत्त्र शिक्षा, जिससे प्रतिष्ठित संस्थाओं / विश्वविद्यालयों द्वारा दी गई स्नातकोत्तर डिग्री और स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त हो, योजना द्वारा कवर होंगे।
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ऋण हेतु गणना में लिए गए व्यय |
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- कॉलेज/ स्कूल /हॉस्टल को देय शुल्क *
- परीक्षा/ पुस्तकालय/ प्रयोगशाला शुल्क
- विदेश में शिक्षा हेतु यात्रा व्यय/ पारगमन राशि
- विद्यार्थी उधारकर्ता हेतु बीमा प्रीमियम, यदि लागू हो
- प्रतिभूति जमा, निर्माण निधि / धनवापसी योग्य जमा, जो संस्था के बिल/ रसीदों द्वारा समर्थित हो **
- पुस्तक / उपकरण / औज़ार / वर्दी की खरीद ***
- उचित लागत पर कंप्यूटर की खरीद, यदि पाठ्यक्रम पूरा करने हेतु आवश्यक हो***
- पाठ्यक्रम पूरा करने हेतु आवश्यक कोई अन्य व्यय - यथा अध्ययन दौरे, परियोजना कार्य, शोध कार्य आदि ***
- डिग्री स्तर पर गैर-तकनीकी और गैर-व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संबंध में, पूरे पाठ्यक्रम हेतु वित्त के लिए गणना में लिए सभी व्यय का कुल रु.1 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए।
टिप्पणी :
* आवास और खान-पान व्यय के वित्त हेतु एक वर्ष में रु. 50,000/- से अनधिक राशि पर विचार किया जाएगा, यदि विद्यार्थी बाहरी आवास का विकल्प देता है/ देने की आवश्यकता है।
** इन व्यय को गणना में लिया जाएगा, बशर्ते कि पूरे पाठ्यक्रम हेतु कुल अध्यापन शुल्क के 10% से अधिक न हो।
*** यह संभव है कि उपर्युक्त मद सं. च, छ और ज के अंतर्गत व्यय कॉलेज प्राधिकारियों द्वारा निर्धारित शुल्क और प्रभार की सूची उपलब्ध न हो। अत: इन शीर्षों के अंतर्गत आवश्यकता का युक्तिसंगत मूल्यांकन किया जाए। तथापि इनकी सीमा पाठ्यक्रम पूरा करने हेतु देय कुल अध्यापन शुल्क की 20% होगी।
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वित्त की मात्रा |
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- उपर्युक्त के अनुसार व्यय की पूर्ति हेतु आवश्यकता आधारित वित्त का आकलन करने के लिए खाते के मार्जिन को भी गणना में लिया जाएगा। कोई विशिष्ट ऊपरी सीमा सुझाई नहीं गई है।
- विदेश में शिक्षा के मामले में, विद्यार्थी के अनुरोध के अनुसार शिक्षा के आंशिक व्यय हेतु वित्त के लिए पाठ्यक्रम लागत की आंशिक निधि हेतु संस्था द्वारा अनुमत इनटर्नशिप को विधिवत् गणना में लिया जाएगा।
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मार्जिन |
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Rs. 4,00,000/- तक |
कुछ नहीं |
Rs. 4,00,000/- से अधिक |
भारत में अध्ययन 5%
विदेश में अध्ययन 15%
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- मार्जिन में छात्रवृत्ति और शिक्षुता भी शाल होंगी।
- मार्जिन वर्षानुवर्ष आधार पर, संवितरण के समय, आनुपातिक आधार पर लाए जा सकते हैं
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प्रतिभूति |
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रु.4 लाख तक |
माता-पिता संयुक्त उधारकर्ता हों।
कोई प्रतिभूति नहीं। रु.4 लाख की संपार्श्विक रहित सीमा प्रत्येक विद्यार्थी हेतु निर्दिष्ट है, प्रत्येक परिवार हेतु नहीं। एक बच्चे को संपार्श्विक रहित ऋण प्राप्त होने पर भी उसी परिवार के अन्य भाई-बहनों के लिए एकाधिक ऋण पर विचार किया जा सकता है।
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रु. 4 लाख से अधिक लेकिन रु.7.5 लाख से कम |
संयुक्त उधारकर्ताओं द्वारा माता-पिता द्वारा प्रलेखों के निष्पादन के अलावा, उचित तृतीय पक्ष गारंटी के रूप में संपार्श्विक प्रतिभूति ली जाएगी। |
रु. 7.5 लाख से अधिक |
माता-पिता संयुक्त उधारकर्ता होंगे। बैंक के लिए स्वीकार्य उपयुक्त मूल्य की मूर्त संपर्श्विक प्रतिभूति और किस्तों के भुगतान के लिए विद्यार्थी की भविष्य आय का समानुदेशन। |
नोट :-
- विद्यार्थी और संयुक्त उधारकर्ता के रूप में माता/पिता/अभिभावक दोनों द्वारा ऋण प्रलेख निष्पादित किया जाए।
- विद्यार्थी /माता/पिता/ अभिभावक / अन्य तृतीय पक्ष के नाम पर भूमि/ भवन/ सरकारी प्रतिभूति/ सार्वजनिक क्षेत्र बांड/ यूटीआई के यूनिट, एनएससी, केवीपी, जीवन बीमा, सोना, शेयर/म्यूचुअल फंड यूनिट/ डिबेंचर या बैंक को स्वीकार्य कोई अन्य मूर्त प्रतिभूति, उचित मार्जिन के साथ।
- जहाँ-कहीं भूमि/ भवन पहले से ही बंधक रखे गए हों, भार-रहित भाग को द्वितीय भार पर प्रतिभूति के रूप में लिया जा सकता है बशर्ते कि यह ऋण राशि कवर करने हेतु पर्याप्त हो।
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ब्याज दर |
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- बैंक द्वारा समय समय पर आधार दर से संबद्ध निर्धारित दरों पर ब्याज प्रभारित किया जाए ।
- अध्ययन अवधि के दौरान और चुकौती आरंभ होने तक साधारण ब्याज प्रभारित किया जाए।
- छात्राओं के लिए कीमत-लागत अंतर में 0.50% रियायत।
- अध्ययन अवधि और चुकौती आरंभ करने तक ऋण अधिस्थगन अवधि के दौरान ब्याज का भुगतान करने के लिए छात्रों को विकल्प है। चुकौती प्रारम्भ करते समय संचित ब्याज को चक्रवद्धित किया जाएगा तथा तदानुसार ईएमआई निर्धारित की जाएगी।
शिक्षा ऋणों पर ब्याज दर:-
4 लाख रु तक - आधार दर + 2.75 %
4 लाख रु से अधिक से 7.50 लाख रु - आधार दर + 2.75 %
7.50 लाख रु से अधिक - आधार दर + 1.50 %
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बयाज दरों में रियायत |
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- व्यवसायिक /स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों के लिए ऋणों के मामले में दसवीं या 10+2 की योगयता स्तर पर 90% या उससे अधिक कुल/ समरूपी ग्रेड प्राप्त करने वाले छात्रों को शिक्षा ऋणों में ( भारत/ विदेश/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए) गुणवान छात्रों के लिए ब्याज में 50 बेसीस पोयटों की रियायत।
- पी.जी पाठ्यक्रमों के लिए ऋणों के मामले में, योगयता स्तरीय डीग्री/स्नातक परीक्षा में 80% या उससे अधिक कुल/समरूपी ग्रेड प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए ब्याज में 50 बेसीस पोयंटों की रियायत प्रारम्भ की गई है।
- राज्य स्तरीय सर्वोच्च 50 रैंक धारकों और राष्ट्रीय स्तरीय 100 सर्वोच्च रैंक धारकों को सामान्य ब्याज दर से 100 बेसीस पोयंट कम पर शिक्षा ऋण दिया जाएगा बशर्ते आधर दर से कम न हो।
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प्रमुख शैक्षिक संस्थाएँ |
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क्र.सं.
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अनुमोदित प्रमुख संस्था का नाम |
रियायत की प्रकृति |
टिप्पणी |
1.
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इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) |
अधिकतम ऋण सीमा : रु.20 लाख
मार्जिन: 10 प्रतिशत
ब्याज दर :
आ.द.+ 1.25 छात्रों के लिए
आ.द.+ 0.75 छात्राओं के लिए
संपार्श्विक जमानत कवरेज : मंजूर सीमा के 50 % से कम न हो
सहबाध्यता : धनार्जन करने वाले माता-पिता/ पति-पत्नीकीसहबाध्यता |
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2.
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बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) |
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3.
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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आई आई एम ) |
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4.
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जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट (एक्स एल आर आई) |
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5.
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मैनेजमेंट डेवलॉपमेंट इंस्टीट्यूट (एम डी आई), गुडगॉंव |
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6.
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एस पी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (एसपीजेजेएमआर), मुम्बई |
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7.
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इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी(आईएमटी) गजि़याबाद |
अधिकतम ऋण सीमा : रु.20 लाख
मार्जिन: 10 प्रतिशत
ब्याज दर :
आ.द.+ 1.25 छात्रों के लिए
आ.द.+ 0.75 छात्राओं के लिए
संपार्श्विक जमानत कवरेज : मंजूर सीमा के 50 % से कम न हो
सहबाध्यता : धनार्जन करने वाले माता-पिता/ पति-पत्नीकीसहबाध्यता |
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8.
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जमनालाल बजाज इंस्टी. ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (जेबीआईएमएस) – मुम्बई |
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9.
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सोमय्या इंस्टी. ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च , मुम्बई |
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10.
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नेताजी सुभाष इंस्टी. ऑफ टेक्नोलॉजी (पूर्व के दिल्ली यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी) एनएसआईटी, नई दिल्ली |
अधिकतम ऋण सीमा : रु.3.8 लाख
मार्जिन: शून्य
ब्याज दर :
आ.द.+ 1.25 छात्रों के लिए
आ.द.+ 0.75 छात्राओं के लिए
सहबाध्यता : धनार्जन करने वाले माता-पिता/ पति-पत्नीकीसहबाध्यता |
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11.
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इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इर्न्फोमेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी), हैदराबाद |
अधिकतम ऋण सीमा : रु.5.70 लाख
मार्जिन:4लाख रु की सीमा तक शून्य
> 4लाख रु की सीमा – 10 %
ब्याज दर:आ.द.+ 1.25 छात्रों के लिए
आ.द.+0.75 छात्राओं के लिए
सहबाध्यता : धनार्जन करने वाले माता-पिता/ पति-पत्नीकीसहबाध्यता |
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12.
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इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस(आईएसबी) हैदराबाद और मोहाली |
अधिकतम ऋण सीमा : रु.23 लाख
मार्जिन : 10 प्रतिशत
ब्याज दर :
आ.द.+ 1.25 छात्रों के लिए
आ.द.+ 0.75 छात्राओं के लिए
संपार्श्विक जमानत कवरेज: अनिवार्य नहीं
सहबाध्यता : धनार्जन करने वाले माता-पिता/ पति-पत्नीकीसहबाध्यता |
ऋणों की मंजूरी केवल हाई टेक सिटी, हैदराबाद/ मोहाली शाखा में की जाती हैं। |
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मूल्यांकन / मंजूरी / संवितरण |
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- आवेदन सीधे बैंक की शाखाओं में या ऑन-लाइन प्राप्त किए जाएंगे।
- समर्थक प्रलेखों के साथ विधिवत पूरा किए गए आवेदन की प्राप्ति के 15 दिनों के अन्दर मंजूरी / अस्वीकृति की सूचना दी जाएगी।
- सामान्यत:, ऋण का मूल्यांकन करते समय, पाठ्यक्रम से भविष्य में विद्यार्थी की धनार्जन संभाव्यता और चुकौती हेतु उपलब्ध आय के प्रतिशत पर ही ध्यान दिया जाएगा।
- ऋण आवेदन की अस्वीकृति, यदि हो तो, संबंधित शाखा के नियंत्रक प्राधिकारी की सहमति से की जाएगी और अस्वीकृति के कारण बताते हुए विद्यार्थी को सूचित की जाएगी।
- पात्र छात्रों से शिक्षा ऋण आवेदन माता/पिता के निवास स्थान या शैक्षिक संस्था के पास की बैंक शाखा स्वीकारे जा सकते हैं।
- शिक्षा ऋण मंजूर करते समय सेवा क्षेत्र दृष्टिकोण नहीं अपनाया जाता है।
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चुकौती |
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- चुकौती अवकाश / ऋण आस्थगन: पाठ्यक्रम अवधि + 1 वर्ष या नौकरी मिलने के बाद 6 महीने, जो भी पहले हो।
- यदि छात्र पाठ्यक्रम पूरा करते ही उच्चतर शिक्षा आरंभ करते हैं तो रोजगार प्राप्ति से 6 माह या द्वितीय पाठ्यक्रम के पूरे होने के बाद एक वर्ष, जो भी पहले हो, से चुकौती का आरंभ होगा। यह इस बात पर निर्भर नहीं करेगा कि छात्र ने उच्चतर शिक्षा हेतु नया/ अतिरिक्त ऋण लिया है कि नहीं।
- ऋण के पूर्व-भुगतान हेतु कोई पूर्व-भुगतान दंड नहीं लगाया जाएगा।
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बीमा |
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बैंक, विद्यार्थी की सहमति से, शैक्षिक ऋण लेने वाले विद्यार्थियों के लिए जीवन बीमा/ देयता बीमा की व्यवस्था कर सकता है। |
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संसाधन प्रभार |
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- भारत में शिक्षा हेतु योजना के अंतर्गत मंजूर ऋण हेतु कोई संसाधन/ प्रारंभिक शुल्क न लिया जाए।
- विदेश में शिक्षा हेतु, आरंभ में मंजूरी के समय ही यथा लागू संसाधन शुल्क वसूले जाए और विद्यार्थी द्वारा पाठ्यक्रम आरंभ करने और ऋण लेने के समय इन्हें वापस किया जाए।
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न्यूनतम आयु |
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शिक्षा ऋण हेतु पात्रता के लिए छात्र की आयु के सम्बन्ध में कोई निर्दिष्ट सीमा नहीं है ।
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ब्याज सब्सिडी प्रदान करने हेतु केंद्रीय योजना |
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- ब्याज सब्सिडी प्रदान करने हेतु केंद्रीय योजना (सीएसआईएस)
- समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की सहायता करने के लिए भारत सरकार ने शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत अनुसूचित बैंकों से अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों द्वारा लिए गए ऋणों पर अधिस्थगन अवधि के दौरान अर्थात् पाठ्यक्रम अवधि और एक वर्ष या नौकरी पाने के छह महीने तक, जो भी पहले हो, संपूर्ण ब्याज सब्सिडी प्रदान करने हेतु 'ब्याज सब्सिडी प्रदान करने हेतु केंद्रीय योजना (सीएसआईएस)' के नाम से एक योजना प्रारंभ की है।
- यह ब्याज सब्सिडी योजना उन छात्रों के लिए लागू होगा जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं तथा जिनके माता-पिता/परिवार का वार्षिक सकल वेतन की अधिकतम सीमा रु 4.50 लाख (सभी स्रोतों से) प्रति वर्ष है। इस योजना के लिए आय स्थिति के प्रमाणन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत और आय प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सक्षम सार्वजनिक प्राधिकारियों से आय-सबूत आवश्यक होगा।
- इस योजना के अंतर्गत ब्याज सब्सिडी पात्र छात्रों को भारत में प्रथम पूर्वस्नातक डिग्री पाठ्यक्रम या स्नातकोत्तर डिग्री / डिप्लोमा के लिए केवल एक बार प्राप्त होगा। तथापि एकीकृत पाठ्यक्रम (स्नातक + स्नातकोत्तर) के लिए ब्याज सब्सिडी अनुमेय होगा।
- इस योजना के अंतर्गत ब्याज सब्सिडी उन छात्रों को उपलब्ध नहीं होगा जो पाठ्यक्रम को बीच में छोड देते हैं या अनुशासनिक या शैक्षिक कारणों से संस्थाओं से निष्कासित किए जाते हैं।
- भारत सरकार, एचआरडी मंत्रालय के निर्णयानुसार ब्याज सब्सिडी वार्षिक आधार पर होगा।
- आय कर :
- आई टी नियमों के अनुसार शिक्षा ऋण खाते को प्रभारित और प्रदत्त ब्याज को छात्र के माता पिता के कर से छूट प्राप्त है।
- वोकेशनल पाठ्यक्रमों हेतु शिक्षा ऋणों पर आदर्श योजना।
- डॉ.पट्टाभि विद्याज्योति की उसी योजना के अंतर्गत वोकेशनल पाठ्यक्रमों पर शिक्षा ऋण भी सम्मिलित हैं। योजना निम्न अनुसार है:
- छात्र पात्रता
- छात्र भारतीय राष्ट्रीयता का होना चाहिए।
- छात्र को राष्ट्रीय कौशल विकास कार्पोरेशन द्वारा समर्थित किसी कंपनी/साझेदारी/संगठन अथवा सरकार के किसी संगठन/मंत्रालय/विभाग द्वारा चलाए जा रहे अथवा समर्थित किसी पाठृयक्रम में दाखिला प्राप्त हुआ हो अथवा स्टेट कौशल मिशन/ स्टोट कौशल कार्पोरेशन के सरकारी संगठन अथवा मान्यता प्राप्त संगठन / सरकार द्वारा प्राधिकृत संगठन द्वारा जारी प्रमाण-पत्र/ डिप्लोमा/ डिग्री आदि।
- पात्र पात्रता
- दो माह से तीन वर्ष की अवधि के वोकेशनल तथा कौशल विकास पाठ्यक्रम जिनका प्रमाण-पत्र / डिप्लोमा मान्यता-प्राप्त राज्य / केंद्रीय सरकार संस्था अथवा सरकार के सांविधिक/ तकनीकी विभाग द्वारा दिया जाता हो।
- न्यूनतम आयु
- शिक्षा ऋण हेतु पात्रता के िलए छात्र की आयु के संबंध में कोई विशिष्ट सीमा नहीं है।
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