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उपभोक्ता ऋण |
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ऋण का स्वरूप |
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- सुनिश्चित नियमित आय प्राप्त कर रहे व्यक्तियों को नयी उपभोक्ता वस्तुओं जैसे रिफ्रिजिरेटर, टी वी, काठ और स्टील फर्नीचर, वाशिंग मशीन, मिक्सर और ग्रैण्डर, कुकिंग रेंज और अन्य घरेलू सामग्री को खरीदने के लिए उपभोग ऋण प्रदान करना
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पात्रता |
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- वेतनभोगी व्यक्ति
- शाखा द्वारा पेंशन पा रहे पेंशनभोगी
- अन्य व्यक्ति जिनका न्यूनतम वार्षिक आय Rs. 30,00/- है.
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मार्जिन राशि |
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- खरीदी जानेवाली वस्तु का 25%
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Rate of interest |
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Loan Period |
For State and Central Government employees, Public sector under takings who are drawing salary through our Branches and Pensioners |
For private employees, non salaried class and LIC agents etc |
Upto 36 months |
RLLR+4.40% |
RLLR+4.40% |
For loans above 36 months to 60 months |
RLLR + 5.40% + 0.25% |
RLLR + 5.40% + 0.25% |
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वित्त की राशि |
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मंजूर की जा सकनेवाली न्यूनतम राशि :
- वेतनभोगियों के लिए 10 महीनों का सकल वेतन या वस्तु की लागत, जो भी कम हो.
- पेंशनभोगियों के मामले में 4 महीनोंका पेंशन
- अन्य व्यक्तियों के लिए उनकी 40% वार्षिक आय
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पुनर्भुगतान |
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मासिक किस्तों में देय. अधिकतम अवधि 60 महीनों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए
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सह-बाध्यता |
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बैंक को मान्य पति/पिता या कोई अन्य तीसरा पक्षकार (जिनकी पर्याप्त मालियत हो और नियमित आय हो). यदि आवेदक उपयुक्त सह-दायित्व प्रस्तुत करना नहीं चाहता है/प्रस्तुत नहीं कर सकता है तो नकदी संपार्श्विक प्रतिभूति पर जोर दिया जाए
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प्रतिभूति |
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ऋणकर्ता की व्यक्तिगत प्रतिभूति और बैंक वित्तपोषण से खरीदी गयी वस्तु का दृष्टिबंधन
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संपार्श्विक प्रतिभूति |
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- सम मूल्य के अभ्यर्पन मूल्यवाली जीवनबीमा पॉलिसी का समनुदेशन
- पर्याप्त मूल्य के शेयर, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, यूनिट, आदि की गिरवी
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प्रलेख |
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आय का निरूपण–
वेतन पर्ची/ आयकर रिटर्न/कर निर्धारण आदेश, आस्ति विवरणी
गैर वेतनभोगियों के लिए – अद्यतन आयकर आदेश, आस्ति विवरणी
अन्य कोई वैध प्रलेख
खरीदी जानेवाली वस्तु का अद्यतन क्वोटेशन.
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पूर्व भुगतान प्रभार |
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पूर्व प्रदत्त राशि पर 2%
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अन्य मदें |
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Rs.10,000/- से कम मूल्य के ऋणों के मामले में दृष्टि बंधक आस्तियों पर बीमा की छूट दी जाती है
अन्य मामलों में ऋण वितरण के तुरंत बाद वस्तु वस्तु को पूरे मूल्य के लिए बीमा करना चाहिए और ऋण का पूर्ण भुगताना होने तक उसका वार्षिक नवीकरण करते रहना चाहिए.
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